गजल-16
दुःखक बदरी केतबो गरजैये
जीवनक ज्योति सदिखन जरैये
भने ज्ञान अछि सत्य केर तखनो
मोह -सरितामे सबकेओ बहैये
जाहि भूमि पर गर्व करैत अछि
छोरि निज गाम शहर भटकैये
सत्य -अहिंसा इतिहासक गप्प छै
अप्पन पहचान आप मेटबैये
आगि लगल अछि सगरो जगमे
मानवताक गाछ सेहो धधकैये
आइ प्रेमक पुष्प अछि खिलायल
"सुमित" मीठ - मीठ पवन सिहकैये
वर्ण -13
सुमित मिश्र
करियन , समस्तीपुर
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